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पानी किस बर्तन में पीना चाहिए । Which Utensils are Best For Drinking Water

पानी किस बर्तन में पीना चाहिए

पानी पीने के लिए किस बर्तन का इस्तेमाल करना चाहिए यह सवाल आपको शायद बेकार लग रहा होगा। क्युकी पानी तो पानी है उसका काम तो सिर्फ हमारी प्यास बुजाना है फीर वह चाहे काच के ग्लास मे हो या फीर स्टील के क्या फर्क पड़ता है।

लेकिन इससे भी फ़र्क पड़ता है। ओर एस फर्क जिसे जान कर आप दंग रह जायेगे।

हमारे शरीर मे 70% तक पानी होता है। मतलब अगर आपका वजन 100 किलो है तो आपके शरीर मे 70 किलो तो सिर्फ पानी ही होगा।

ये पानी आपके शरीर की अलग अलग कोशिकाओ मे रहता है और इसी की वजह से ही आप फ्रेश feel कर पाते हो । आप 2 दिन तक बिना खाने के रह सकते है लेकीन पानी के बिना शरीर मे कमजोरी आने लगती है।

अगर आप पानी के बिना रहेंगे यानि की Dehydrated रहेंगे तो आपको चक्कर आने लगेंगे। पानी हमारे लिए जरूरी है इसलिए पानी तो सब पीते ही है लेकिन healthy रहने के लिए इससे भी फरक पड़ता है की आप पानी किस बर्तन से पीते है।

कोई काच के ग्लास मे पानी पिता है तो कोई प्लास्टिक की bottle मे पानी पिता है। कुछ लोग तांबे के बर्तन मे पानी पीते है तो कुछ लोग मिट्टी के बर्तन मे भी पानी पीते है। आपने पानी किस बर्तन मे पिया है इसका भी आपकी बॉडी के ऊपर बहुत इफेक्ट पड़ता है।

दरसल पानी का एक गुण होता है। उसे जिस बर्तन मे डाला जाता है वो अपने अंदर उसके कुछ गुण समेत लेता है। इसलिए यह बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है की आप पानी पीने के लिए कोनसे बर्तन का उपयोग कर रहे है।

इन बर्तन मे पानी पीने से आपकी सेहत को फायदा होगा ।

मिट्टी का बर्तन

मिट्टी और पानी का connection जन्मों-जन्मों का है। क्युकी पानी चाहे नदी से आए या फीर तालाब से या फीर handpump से वो कही न कही मिट्टी से जरूर जुड़ा हुआ होता है।

इस लिए पानी मे मिट्टी के कुछ गुण जुड़े हुए होते है। मिट्टी मे calcium, potassium और कही सारे गुण बहुत सारी मात्रा मे होते है। इसलिए ही जब हम पानी को मिट्टी मे मटके मे रखते है तो उस पानी मे भी मिट्टी के कई गुण आ जाते है। ओर जब हम यह पानी पीते है तो उसका फायदा हमारे शरीर को भी होता है।

मिट्टी के बर्तन की सबसे खास बात यह है की इसमे गर्मी के दिनों मे भी पानी ठंडा रहता है। और इसका कारण है इसमे मौजूद छोटे छोटे छेद। जिसकी वजह से इसके अंदर का तापमान कम बना रहता है। गर्मियों मे फ़ीज़ का पानी पीने से कई नुकसान रहते है एसे मे डॉकटोर्स भी हमे मटके का पानी पीने की सलाह देते है।

मिट्टी का बर्तन से पानी पीने के फायदे

  • मटके का पानी पीने से immunity स्ट्रॉंग होती है।
  • मिट्टी के साथ पानी PH बैलन्स को भी संतुलित बना देता है। इससे शरीर मे वात नही बढ़ता।
  • एसिडिटी, कब्ज, गैस और गला खराब होने जैसी छीजे भी नहीं होती।
  • मटके भी अच्छी मिट्टी से बने होने चाहिए। चमकदार पैंट वाले मटके पर केमिकल लगा हुआ होता है तो उस प्रकार के मटकों से दूर रहना चाहिए।
  • जो लोग RO का पानी पीते है उनको भी यह सलाह दी जाती है की RO का पानी पीजिए लेकिन उसे पहेले मटके मे भर के बादमे पीजिए।

शीशे और स्टील के बर्तन से पानी पीने के फायदे

यह दोनों ही बर्तन काफी हद तक म्यूचूअल ही रहते है। आप इसमे चाहे ठंडा पानी पिए या फीर गर्म इसकी तासीर मे कोई फर्क नहीं आता। ना ही आपको इससे कोई फायदा होगा और न ही कोई नुकसान।

स्टील के बर्तन मे पनि पीने के फायदे तो नहीं है लेकिन इससे कोई नुकसान भी नहीं होता । स्टील को लोहा माना जाता है और लोहा शनि ग्रह का कारण है । इसलिए प्लास्टिक के ग्लास से पानी पीने की तरह इसमे भी कोई फायदा नहीं है।

तांबे का बर्तन

एसा कहा जाता है की तांबे के बर्तन से पानी पीना बहुत ही उपयोगी है। तांबा यानि की copper हमारे शरीर के लिए वैसे ही जरूरी है जैसी केल्सियम और iron।

वैसे तो यह हमारे खाने मे भी होता है। लेकिन अगर आप पानी को तांबे के बर्तन मे रख कर छोड़ देंगे तो तांबे के गुण पानी के अंदर काफी अच्छी तरह से घुल जाते है। तांबा ही एक एसी धातु है जो शरीर से विषैले तत्वों को खत्म करती है। और कैंसर होने के भी chance काफी कम कर देता है।

तांबे के बर्तन से पानी पीने से याद्दाश काफी अच्छी होती है। पेट दर्द, एसिडिटी, गैस और कब्ज जैसी समस्याओ मे राहत मिलती है। तांबे से पानी पीने से त्वचा संबंधित रोग भी नहीं होते है। इससे शरीर मे ब्लड की कमी दूर होती है। तांबे के बर्तन मे एसे गुण होते है जिससे शरीर मे यूरिक एसिड की मात्रा भी कम हो जाती है। जिसे जोड़ों के दर्द मे भी आराम मिलता है।

यह antibacterial होता है इससे यह बेकटेरिया को कुछ हद तक मार सकता है और पानी को शुद्ध कर सकता है। तांबे के बर्तन मे हमेशा नॉर्मल पानी ही रखना चाहिए ना ही ज्यादा गरम ना ही ज्यादा ठंडा।

इसके साथ ही तांबे के बर्तन मे कभी भी नींबू पानी नहीं पीना चाहिए। नींबू, विनगर ये सब acidic होते है। और तांबा इससे रिएक्शन करके हानिकारक पदार्थ बनाता है। जिससे पेट दर्द और कही और समस्या हो सकती है। तांबे के बर्तन मे दूध भी कभी नहीं पीना चाहिए। और इसको कभी भी पानी भरके फ्रीज़ मे नहीं रखना चाहिए। तांबे मे रखे पानी को स्टील के ग्लास मे नहीं डालना चाहिए इससे इसके गुण के साथ रिएक्शन हो सकता है।

साथ ही साथ दिन भर मे इस पानी को पीना इतना लाभदायक नहीं है इसका सेवन सिर्फ सुबह को खाली पेट करने से इसका सबसे ज्यादा उपयोग होगा। खाने के बाद भी कभी तांबे मे रखा पानी न पिए।

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प्लास्टिक की बोतल से पानी

आज कल ज्यादातर लोग प्लास्टिक की बोतल से ही पानी पीते है। प्लास्टिक की सामान्य बोतल और बाजार मे मिलने वाली प्लास्टिक की ठंडे पानी वाली बोतल PET यानि की polyethylene thread से बनी होती है।

इन बोतल मे जो केमिकल पाया जाता है वो हॉर्मोन को असंतुलित करता है। तापमान ज्यादा होने पर या फीर पानी गर्म होने पर प्लास्टिक से कई तरह के हानिकारक तत्व निकते है। प्लास्टिक की बोतल मे रखा हुआ पानी लंबे समय बाद इस्तेमाल करने से कैंसर जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

कई लोग अपनी कर मे मिनरल water की बोतल को खरीदकर रख लेते है। और काफी सारी बार उसे इस्तेमाल करते है। लेकिन car जब गर्म होती है तब प्लास्टिक के कुछ छोटे हिस्से पानी मे मिलके पानी को खराब कर देता है इससे कई बार पुरुषों मे नपुंसंकता भी देखि है है।

सामान्य प्लास्टिक की बोतल मे जो प्लास्टिक होता है वो BPA केमिकल से युक्त होता है। इससे सिर्फ एक बार प्लास्टिक को पानी पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सके एसा होता है। यह बोतल अगर बार बार इस्तेमाल होती रहे तो यह आत और लीवर को अच्छी तरह से नुकसान पहुचता है।

आज की युवा ज्यादातर प्लास्टिक की बोतल का ही पानी पीना पसंद करती है। जो की गलत है इससे काफी सारे नुकसान हो सकते है।

शेयर कीजिए अपने उन दोस्तों को और रिश्तेदारों को जो की ज्यादा प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करके पानी पीते है और उन्हे जागृत कीजिए।

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