आज गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ड्रैगन फ्रूट का नाम बदलकर ‘कमलम’ रखने का फैसला किया है।और इस बात की घोषणा भी की। इस दौरान CM विजय रूपानी ने कहा कि ड्रैगन फ्रूट का बाहरी आकार कमल जैसा होता है, इसलिए इसका नाम बदलकर कमलम रखा जाएगा। संस्कृत में कमलम का अर्थ कमल होता है।
मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि चीन के साथ जुड़े ड्रैगन फ्रूट का नाम हमने बदल दिया है। हाल के वर्षों में यह फल तेजी से लोकप्रिय हुआ है।
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इस फल में भरपूर प्रमाण में ऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स, प्रोटीन, कैलशियम आदि पाया जाता है। कई लोग इस फल का रस निकलकर भी पीना पसंद करते है। बागवानी विकास मिशन के शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा, ”ड्रैगन फ्रूट के पेटेंट को कमलम नाम के लिए आवेदन दिया है। अब गुजरात सरकार ने फैसला किया है कि इस फल को कमलम कहा जाएगा.”
पिछले कुछ वर्षों से गुजरात में कच्छ और नवसारी इलाके के आसपास किसानो द्वारा इस फल की जम कर खेती हो रही है। इन इलाकों में बड़ी मात्रा में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन भी हो रहा है। उत्पादन के साथ साथ यह फल बाकि राज्यों में भी भेज दिया जाता है।
ड्रैगन फ्रूट के नाम बदले जाने को लेकर रूपाणी ने कहा, ”कमलम शब्द से किसी को भी चिंतित नहीं होना चाहिए.” बता दें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का चुनाव चिह्न कमल है और गुजरात में बीजेपी कार्यालय का नाम ‘श्री कमलम’ है। हालाँकि यह नाम फल से काफी मिलता है।
लाल और गुलाबी रंग का यह फल सेहत के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। यह फल खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। ज्यादातर गर्मियों में इस फल का सेवन किया जाता है। हालाँकि यह बता दे की यह फल सेब और स्ट्रौबेरी जितना प्रचलित नहीं है, इसलिए बहुत सारे लोगो आज भी यह फल का सेवन करने में वंचित है।
ड्रैगन फ्रूट में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा इस फल में 90 % पानी होता है जो शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है।
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